आगरा, जागरण संवाददाता। नगर निगम की तर्ज पर अब जिले की सभी नगर पंचायतों और नगर पालिका परिषदों में कूड़े का निस्तारण किया जाएगा। खत्ताघर के निर्माण के लिए जमीन चिन्हित हो गई है। जल्द ही सूखे और गीले कूड़े के अलग-अलग निस्तारण के लिए प्लांट लगेंगे।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कूड़े के निस्तारण के आदेश दिए हैं। वैज्ञानिक तरीके से कूड़े का निस्तारण न होने पर कार्रवाई के लिए कहा है। दो सप्ताह पूर्व सात नगर पंचायतों और पांच नगर पालिका परिषदों में सर्वे शुरू हुआ था। इन सभी से 300 मीट्रिक टन के आसपास कूड़ा निकलता है लेकिन अभी सही तरीके से इसका निस्तारण नहीं किया जाता है। न ही सूखे और गीले कूड़े को अलग-अलग किया जाता है। ऐसी पंचायतों या फिर नगर पालिका परिषद जो नगर निगम से सटी हुई हैं। उनमें अगल-अलग श्रेणी का प्लांट लगेगा। एडीएम प्रशासन निधि श्रीवास्तव ने बताया कि खत्ताघर बनाने के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। जल्द ही यहां कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट लगाया जाएगा। प्लांट गीले और सूखे कूड़े के हिसाब से अलग अलग लगेगा। बता दें कि शहर में सबसे आधुनिक प्लांट लगाने का कार्य चल रहा है। ये प्लांट गीले और सूखे कूड़े के लिए अलग-अलग हैं। हालांकि इन प्लांटों में नगर निगम का कूड़ा नहीं जाएगा। जिन संस्थानों, सोसायटी, विभागों को एनजीटी का नोटिस मिला है उनका कूड़ा पहुंचना है। एनजीटी के आदेश पर नगर निगम ने करीब 2900 नोटिस दिये हैं। ये वह स्थान हैं जहां से रोजाना 100 किलो से अधिक कूड़ा निकलता है। इनके द्वारा इस कूड़े को इधर-उधर फेंक दिया जाता है, जिससे गंदगी बढ़ती है। 100 मीट्रिक टन से अधिक कूड़ा रोजाना निकलता है। ये कूड़ा प्लांटों पर पहुंचने लगेगा तो नगर निगम का बोझ भी कम होगा।
आठ लाख मीट्रिक टन डंप है कूड़ा
नगर निगम के सौ वार्ड से हर दिन 750 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। हर दिन 400 मीट्रिक टन सूखा और 350 मीट्रिक टन गीला कूड़ा निकलता है। यह कूड़ा कुबेरपुर स्थित खत्ताघर में पहुंचता है। वर्तमान में तीन सौ मीट्रिक टन गीले कूड़े से खाद तैयार की जा रही है, जबकि सूखे कूड़े को अलग-अलग प्रॉसेस किया जाता है। एनजीटी के इस नये आदेश के बाद कूड़ा निस्तारण में और आसानी होगी।
ये हैं नगर पंचायत
स्वामीबाग, दयालबाग, फतेहाबाद, पिनाहट, खेरागढ़, जगनेर, किरावली।
ये हैं नगर पालिका परिषद
फतेहपुरसीकरी, एत्मादपुर, अछनेरा, शमसाबाद, बाह।