बड़वानी / विदेशों में रह रहे विद्यार्थियों ने बताई आपबीती, कहा- सतर्कता ही है बीमारी से बचाव, लापरवाही पड़ेगी महंगी

 




महामारी बन चुके कोरोना वायरस भारत में अपने पैर तेजी से पसार रहा है। इसका एकमात्र कारण यह है कि इस बीमारी के प्रति सतर्क रहने के बजाय लापरवाह बने रहना है। जिस तरह इटली, ईरान, यूके, अमेरिका सहित अन्य देशों में इस बीमारी के प्रति सावधान न रहने के कारण यह बीमारी वहां पहले धीरे-धीरे फिर अचानक तेजी से फैली है। जिसके चलते इन देशों में लोगों के घरों में ही कैद रहने की स्थिति निर्मित हो गई है। आज हमें इन देशों द्वार की गई इस गलती से सिखने की जरूरत है।


यही बात विदेशों में रह रहे नगर के उन छात्र-छात्राओं द्वारा भी की जा रही है जो बीमारी के चलते वहां घर में रहने को मजबूर है। उनके माता पिता यहां प्रतिदिन अपने बच्चों के सकुशल रहने की प्रार्थना कर रहे हैं। साथ ही नियमित बात कर उनका हौसला भी बढ़ा रहे हैं।


तारा नगर निवासी पीयूष राजेंद्र जोशी यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम में रोबोटिक्स विषय में शोधकर्ता है लेकिन इस महामारी के कारण यूनिवर्सिटी दो माह के लिए बंद हो गई है। अब वे घर पर ही रहकर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया बर्मिंघम में 55 व करीब दो घंटे की दूरी पर स्थित लंदन में 1600 मरीज है। इसके लिए वे अपनी पत्नी शिखा के साथ घर पर ही रह रहे हैं।


दोनों बेटियां विदेश में लेकिन सुरक्षित, फिर भी चिंतित हैं माता पिता
नगर की शर्मा काॅलोनी के दुर्गेश व बबिता यादव की दोनों बेटियां विदेश में रहकर पढ़ाई कर रही है लेकिन विदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर माता-पिता दोनों बेटियों के लिए फिक्रमंद है। छोटी बेटी जान्हवी युक्रेन से एमबीबीएस कर रही है। माता ने बताया लंदन में आयुषी पिछले 15 दिनों से घर में ही लाक डाउन है। घर से ऑफिस का काम कर रही है। राशन केवल 10 दिन का बचा है। उसी अपार्टमेंट में रह रहे अन्य स्टूडेंट भोजन व अन्य जरुरत में एक दूसरे की मदद कर सकते हैं जबकि जान्हवी होस्टल में ही रह रही है। यूनिवर्सिटी अगले आदेश तक बंद है। वहां भी सभी स्टूडेंट्स साथ मिलकर खाना बनाते हैं। बड़ी बेटी आयुषी यादव पिछले डेढ़ साल से लंदन में डेटा एनालिसिस में मास्टर डिग्री कर रही है। उन्होंने बताया फरवरी में दो केस थे लेकिन एक माह में दो हजार से अधिक केस हो गए। यह सब लापरवाही के कारण हुआ है। हमारे देश में लोगों इसके प्रति सतर्क रहना चाहिए। अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।


इटली में घर में हैं लाकडाउन, सुरक्षा निर्देशों का कर रहे पालन
चायना के बाद इटली ऐसा शहर है जो कोरोना से सबसे ज्यादा और तेजी से संक्रमित हुआ। पियूष टाडा पिछले दो साल से इटली में रह रहे हैं। फिलहाल पीसा शहर में ही घर में सुरक्षित है। उन्होंने बताया इस वायरस से यहां कई मौते हुई लेकिन पैनिक जैसी स्थिति नहीं है। गवर्मेंट ने जरूरत की चीजों के दाम नहीं बढ़ने दिए। जरूरत पड़ने पर घर पर भी सामान डिलेवर किया जा रहा है। मास्क व सेनेटाईजर नहीं मिल रहे हैं। पियूष सेफ्टी निर्देशों का पालन कर खुद को सुरक्षित रखे हुए है। उन्होंने बताया पीसा शहर में ये संक्रमण काफी कम है लेकिन भारत में लोगों को जागरूक रहना होगा अन्यथा धीरे-धीरे से यह संक्रमण बहुत तेजी से कई लोगों को अपनी चपेट में ले लेगा। पियूष इंदौर में रहते हैं।


और इधर.. कोरोना के कारण शादी हुई निरस्त, बांट दिए थे कार्ड 
बड़वाह के रशीद खान की शादी कोरोना वायरस के कारण निरस्त हो गई। 4 अप्रैल को उनकी शादी होने वाली थी। सारी तैयारियां पूर्ण हो गई थी। कार्ड तक बांट दिए गए थे। दुबई में उनके बड़े भाई शादी में आने वाले थे। यहां तक की उनके टिकट भी हो चुके थे लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण वे दुबई में फंस कर रह गए है। रशीद ने बताया दुबई में सभी शापिंग माल्स व विभिन्न दुकानों को 27 अप्रैल तक बंद कर दिया है। सभी को घर में अाईसोलेट है। रशीद ने बताया इस महामारी के कारण शादी समारोह जैसे कार्यक्रम में खतरा ज्यादा रहता है। इसी कारण शादी को भी निरस्त कर दिया है। शादी संबंधित सभी तैयारियां पूर्ण कर ली थी। कई लोगों को काम के लिए अग्रिम भुगतान भी कर दिया है।




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