शुजालपुर सिटी में रविवार को एक अंतिम यात्रा के दौरान अलग तरह का नजारा देखने को मिला। शाम को पांच बजे जब पूरा देश कोरोना के खिलाफ जंग सेवा देने वालों के सम्मान में शंख, थाली और तालियां बजा रहा था, उसी दौरान 98 वर्षीय गौरीशंकर नेमा की अंतिम यात्रा से पहले परिजनों ने भी शव के सामने तालियां और घंटियां बजाई।
परिजन आबकारी अधिकारी नीलेश नेमा ने बताया कि कोरोना के खिलाफ जागरूकता का संदेश देने के लिए यह किया गया। सुबह निधन के बाद ही तय किया गया था कि जब पूरा देश कोरोना के खिलाफ लड़ रहा है तो हम भी इस मौके पर सामाजिक संदेश देंगे। अंतिम यात्रा में लोग मास्क पहन कर शामिल हुए और "सोशल डिस्टेसिंग" के तहत दूरी बनाकर चले।